आप सभी के आंदोलन के तेवर को देख कर यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है, कि आने वाले समय में यह आंदोलन छात्र एकता व शिक्षा के निजीकरण के खिलाफ संगठित प्रतिवाद की मिसाल बनेगा। आज जब शिक्षा को मूल अधिकार का दर्जा देने की जरूरत है उस पर चहुंओर से प्रहार किया जा रहा है। शिक्षा का जिस तरह से आभिजात्यीकरण किया जा रहा है, वह समाज के लिए विभाजनकारी सिद्ध होगा। यही नहीं समाज का तथाकथित वह प्रतिभावान तबका जो हर सामाजिक समस्या का हर शिक्षा व अज्ञानता में तलाषता है को भी बढ़ावा मिलेगा। यह पूरी कोषिष शिक्षा को एक-दो लाख में डिग्री खरीद सकने वाले लोगों तक समेट देने की संगठित कोषिष की जा रही है।इलाहाबाद जैसे महत्वपूर्ण षैक्षिक केन्द्र पर जहां न केवल उत्तर प्रदेष, उत्तराखण्ड, बिहार, झारखण्ड, छत्तीसगढ बल्कि पूर्वोत्तर से भी छात्र सस्ती व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की तलाष में आते हैं उसे शिक्षा की दुकान में तब्दील करने की बड़ी साजिष चल रही है। दरअसल छोट-छोट स्तरों पर ऐसी दुकानें खोलने की कोषिष एक राश्ट्व्यापी अभियान का हिस्सा प्रतीत होती है। अभी प्रो यषपाल समिति ने भी उच्च शिक्षा को लेकर कुछ ऐसी ही सिफारिषें की थी। समिति ने विष्वविद्यालयों में निवेष के लिए व्यावसायिक निवेषक तैयार करने पर जोर दिया था। इकोनाॅमिक्स के अनुसार निवेषक निवेष वहीं करेगा जहां उसे सीधा लाभ दिखे। अर्थात यह समिति भी विष्वविद्यालयों को निजी दुकान बनने की फिराक में है। उधर, माननीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ‘शिक्षा का अधिकार’ के नाम पर प्राथमिक शिक्षा को भी खरीद फरोख्त की वस्तु बना देने पर तुले हैं। तो इस नजरिए से देखा जाए तो आप सभी का आंदोलन किसी एक जगह की समस्या को लेकर नहीं है। यह जरूर है कि कहीं न कहीं से षुरूआत तो होगी। एक बड़े आंदोलन की षुरूआत के लिए किसी काॅलेज की मेस ही काफी है। ऐसे में दोस्तों आप के इस आंदोलन में हम सभी युवा साथी भी तन, मन, धन से आपके साथ हैं। हम आशा व उम्मीद करते हैं कि आप सभी इसे किसी मुकाम तक ले जाकर छोड़ेंगे।
शुभकामनाओं सहित!
प्रवीण मालवीय,श्याम सिंह, विकास कुमार, सरिता, नीतू प्रिया ( सभी जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली के पुरा छात्र हैं।)
आप भी इस आन्दोलन में कोई सहयोग या वैचारिक समर्थन देना चाहते हैं तो आपका स्वागत है। आपके समर्थन से इस आन्दोलन में नया उत्साह आएगा। अपने विचार हम तक पहुँचने के लिए आप इन पर मेल कर सकते हैं - naipirhi@gmail।com, media.rajeev@gmail.com, vijai.media@gmail.com, sandeep9935131246@gmail.com
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