17 सित॰ 2009

निजीकरण विरोधी आंदोलन को वकीलों का मिला भारी समर्थन

- सुभाषिनी अली छात्रों के साथ, जल्द आयेंगी इलाहाबाद

इलाहाबाद, 16 सितम्बर 09 इलाहाबाद विश्वविद्यालय मे पत्रकारिता विभाग के समानान्तर एवं शिक्षा के निजीकरण विरोधी आंदोलन 14 वें दिन भी जारी रहा। छात्रों ने आज अधिवक्ताओं के बीच हस्ताक्षर अभियान चलाया। हाईकोर्ट में हस्ताक्षर अभियान दौरान लगभग 1500 वकीलों ने हस्ताक्षर कर विश्वविद्यालय मेे हो रहे शिक्षा के निजीकरण का विरोध जताया। छात्रों के इस आंदोलन का समर्थन करते हुए पूर्व सांसद और वरिष्ठ माकपा नेता सुभाषिनी अली ने कहा कि वे छात्रों द्वारा चलाए जा रहे शिक्षा के निजीकरण विरोधी इस आंदोलन के लिए जल्द इलाहाबाद पहुंचेंगी। छात्रों ने अपने जुलूस के साथ आज वरिष्ठ कांगे्रसी नेता अनिल शास्त्री से भी मुलाकात की। उन्होंने छात्रों के इस निजीकरण विरोधी आंदोलन के साथ अपना पूरा समर्थन व्यक्त किया और विश्वविद्यालय प्रशासन की इस प्रकार की नीतियों को निंदनीय बताया। उन्होंने सरकार तक इस बात को पहुंचाने के लिए छात्रों को आश्वासन दिया।
पत्रकारिता विभाग के समानान्तर सेल्फ फाइनेंस कोर्स चलाने के खिलाफ छात्र अब सड़क पर उतर आयें हैं। अपनी कक्षाएं करने के बाद छात्र 1 बजे से अपने आंदोलन के समर्थन में निकल पड़े। शिक्षा के निजीकरण और पत्रकारिता विभाग के समानान्तर कोर्स को बंद करों, बिना कार्यकारिणी परिषद से पास हुए कोर्स की डिग्री बाटना बंद करो, आदि नारे लिखे बैनर और प्लेकार्ड लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट पहंुचे जहां उन्हें अपने इस आंदोलन का भारी जनसमर्थन मिला। इस दौरान छात्रों ने राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन भी बंटा।
छात्रों द्वारा गांधीवादी ढंग से चलाए जा रहे इस आंदोलन को विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अराजक बताकर इसके लिए एक चार सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है। इविवि प्रशासन के इस फैसले को छात्रों ने पूरी तरह मनमाना और तानाशाहीपूर्ण बताया। छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन 14 दिनों से चल रहे छात्रों के इस आंदोलन पर जिस तरह का अलोकतांत्रिक रुख अपना रहा है और छात्रों को धमका रहा है इससे साफ हो जाता है कि विश्वविद्यालय प्रशासन पर शिक्षा माफिया हावी हैं। छात्रों ने कहा कि विश्वद्यालय प्रशासन उनकी 11 सूत्री मांगो पर जवाब देने की बजाय उन्हें अराजक बताकर अपनी कारगुजारियों को छुपाना चाहता है और लोगों को ध्यान इस मुद्दे से हटाने की कोशिश कर रहा है।
समस्त छात्र
पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग
इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद

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