- क्रांतिकारी कविताओं के माध्यम से ली प्रेरणा
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छात्रों के पठन-पाठन के लिए प्रशासन ने पिछले 20 सालो से कोई ध्यान नहीं दिया, वह आज किस आधार कहता है कि छात्र अपनी पढ़ाई में ध्यान दें। आज तक विभाग में लैब, लाइब्रेरी, की व्यवस्था करने पर चुप्पी साधे रहे प्रशासन को अचानक यह ख्याल कहां से आया। छात्रों द्वारा उठाये गये सवालों का प्रशासन कोई जवाब न देकर छात्रों को डरा-धमकाकर आंदोलन को तोड़ने की साजिश रच रहा है। छात्रों का कहना है कि पिछले दो महीने से हमारे यहां निरंतर कक्षाएं चलने के साथ ही साथ हम लोग अपना आंदोलन चला रहे हंै। छात्रों ने कहा है कि तीन बजे तक विश्वविद्यालय के किस विभाग में कक्षाएं चलती हैं, कुलानुशासक इसका जवाब दें। विश्वविद्यालय में हो रहे शिक्षा के निजीकरण और पत्रकारिता विभाग के समानान्तर खोले जा रहे सेल्फ फाइनेंस कोर्स के विरोध में छात्र एक माह से आंदोलनरत हैं। छात्रों द्वारा सूचना अधिकार के तहत मांगे जा रहे सवालोें से बेचैन प्रशासन ंछात्रों को डराने धमकाने पर उतर आया है।
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‘‘सवाल पूछते रहो अभियान’’ के अंतर्गत विभाग के छात्र सौरभ कुमार ने आज पूछा है कि ‘विश्वविद्यालय में ऐसे कितने अध्यापक हैं जो विश्वविद्यालय के प्रशासनिक पदों पर भी आसीन हैं’ और विश्वविद्यालय के प्रशासनिक पदों पर आसीन ऐसे लोगो का ब्योरा मांगा है जिनके भाई-बहन, पत्नी एवं रिश्तेदार आदि भी अनुबंध के आधार पर विश्वविद्यालय में किन्हीं पदों पर कार्यरत हैं।
समस्त छात्र
पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग
इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद
9721446201,9889646767,9455474188
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