- सेल्फ फाइनेंस संस्थानों से निकले पत्रकार बनायेगें बाजारू समाज

उन्होंने आगे कहा कि ऐसे स्ववित्तपोषित पत्रकारिता संस्थाओं से पढ़-लिख कर निकलने वाला पत्रकार या तो बाजारू समाज का निर्माण करेगा या तानाशाह समाज का। उन्होंने वर्तमान पत्रकारिता जगत की स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि आज की बाजारू पत्रकारिता का सरोकार जनमानस का हितैषी न होकर अखबार के प्राॅफिट के लिए हो गया है। सबसे बड़ी ताज्जुब की बात हो यह है कि श्री प्रभाष ने मंच से स्वीकार किया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने जब से उनके आने की खबर सुनी है तब से अबतक ढेर सारे कागजात फैक्स और इंटरनेट के माध्यम से भेजकर इस आंदोलन में न आने की अपील की। उनने यहां तक बताया कि उन पत्रों में लिखा गया था कि पत्रकारिता विभाग के छात्रों द्वारा जो आंदोलन चलाया जा रहा है वह गलत है। उसके बहाने कुछ लोग राजनीति करने का काम कर रहे हैंै।

इसके पहले उन्होंने सामाजिक लड़़ाई और जन सरोकार सम्बंधी सवालो को उठाने के लिए पत्रकारिता विभाग के विद्यार्थियों की ओर से विभाग के सामने विकसित किये गये स्थल ‘खबरचैरा’ का लोकार्पण काॅमरेड जियाउल हक के साथ मिलकर किया। व्याख्यान में पूर्व न्यायाधीश राम भूषण मेहरोत्रा, साहित्यकार एवं हाईकोर्ट के वकील गुरू प्रसाद मदन, काॅमरेड जियाउल हक, श्री बल्लभ, पीयूसीएल के प्रदेश सचिव केके राय सहित शहर के तमाम बुद्धिजीवी उपस्थित हुए।
- समस्त छात्र
पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग
इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद
प्रभाष जोशी जी के विचारों से १००% सहमत हूँ |
जवाब देंहटाएंये बाजारीकरण हमें कहीं का नहीं छोडेगा |