9 अक्तू॰ 2009

सेल्फ फाइनेंस कोर्स चलाना देश के गरीबों के मुह पर तमाचा: संदीप पाण्डेय


छात्रों द्वारा शिक्षा के निजीकरण और पत्रकारिता विभाग के समानान्तर स्ववित्तपोषित कोर्स के विरोध में चलाए जा रहे आंदोलन का नेतृत्व आज मैक्सेसे पुरस्कार प्राप्त और गांधीवादी विचारक संदीप पाण्डेय ने किया। छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे सेल्फ फाइनेंस कोर्स चलाना गरीबों के मुह पर तमाचा है। शिक्षा के निजीकरण विरोधी आंदोलन में पूरे देश के छात्रों को शामिल होने का आह्वान किया। शिक्षा का निजीकरण सरकार की देन है। सरकार भी ऐसे शिक्षा माफियाओं के साथ हमसफर है। जिसके कर्ताधर्ता के रूप में विश्वविद्याल के कुलपति और कुछ मठाधीश शामिल हैं।
गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए संदीप पाण्डेय ने कहा कि एक स्थापित विभाग के समानान्तर सेल्फ फाइनेंस कोर्स खोलना दो तरह की शिक्षा पद्धति को लागू करने के समान है। जिसे एक लोकतांत्रिक और समतामूलक समाज निर्माण में आस्था रखने वाला कोई भी वयक्ति स्वीकार नहीं कर सकता। श्री पाण्येय ने आगे कहा कि जिस तरह विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों के ग्यारह सूत्री सवालों का जवाब देने के बजाय छात्रों और उनके शिक्षक सुनील उमराव पर अराजकता का आरोप लगाकर उनके खिलाफ कार्यवायी की बाात कर रहा इससे भी पता चलता है कि विश्वविद्यालय प्रशासन कितना संवेदनहीन हो चुका है। उन्होंने इस आंदोलन को हर तरह से समर्थन देने का वादा किया। वहीं राष्ट्रीय स्वाभिमान पार्टी के नेता राजेश पासी ने कहा कि पत्रकारिता विभाग की ये लड़ाई लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। क्योंकि डेढ़ लाख देकर पत्रकारिता की डिग्री खरीदने वाला पत्रकार समाज के कमजोर तबकों के सवालों को नहीं समझ सकता।
वहीं दूसरी ओर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा चार लोगों की कमेटी के समक्ष विभाग के अध्यापक को बुलाने के फरमान को छात्रों ने हास्याष्पद और तानाशाहीपूर्ण बताया। छात्रों ने बताया कि इस कमेटी में सभी लोग विश्वविद्यालय प्रशासन के खास हैं और उनकी एकेडमिक छवि भी ऐसी नहीं है कि उनसे वार्ता की जा सके। छात्रों का कहना है कि पत्रकारिता विभाग और प्रस्तावित बीए इन मीडिया स्टडीज का तुलनात्मक विश्लेषण के लिए विषय के विशेषज्ञों का पैनल बनाया जाय। जिसमें दूसरे केंद्रीय विश्वविद्यालयों के वरिष्ठ प्रोफेसरों को भी रखा जाय।
अपनी कक्षाओं से छूटते के बाद छात्रों ने नारे लिखी तख्तियां जिन पर ‘पत्रकारिता विभाग के समानान्तर सेल्फ फाइनेंस कोर्स क्यांे कुलपति जवाब दो, निजीकरण के खिलाफ चल रहे आंदोलन पर चुप्पी क्योे कपिल सिब्बल जवाब दो, बिना कार्यकारिणी परिषद से पास हुये कोर्स चलाने वाले कुलपति जवाब दो, लिखा था के साथ कला संकाया और विज्ञान संकाय में जुलूस निकाला। जो फिर घूमकर पत्रकारिता विभाग आकर गोष्ठी में तब्दील हो गया। कला संकाय परिसर से निकल विज्ञान परिसर जा रहे छात्रों के जुलूस को रास्ते में कुलपति के कुछ चाटूकार पुलिस जुलूस को रोकन के लिए आगे आये। कुछ देर कहासुनी के बाद पुलिस प्रशासन को छात्रों के सामने नतमस्तक होना पड़ा और आंदोलन को यथास्थित चलने दिया। इस दौरान छात्रों ने पर्चे और कार्टून भी बांटे।


समस्त छात्र
पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग
इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद
9721446201,9889646767, 9455474188

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