6 अक्तू॰ 2009

सवालों से बेचैन प्रशासन अब छात्रों को धमकाने पर उतरा

- विभाग को भेजी नोटिस, छात्रों ने कहा- "बर्खास्त होने को तैयार"

- क्रांतिकारी कविताओं के माध्यम से ली प्रेरणा



इलाहाबाद 6 अक्टूबर 09 इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के छात्रों की तरफ से शांतिपूर्ण ढंग से चलाए जा रहे आंदोलन को विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा परिसर में शांति भंग करने और पठन-पाठन में बाधा बताया है। छात्रों ने इसकी घोर निन्दा की है। विद्यार्थियों का कहना है कि वे अपनी जायज मांगों के लिए बर्खास्त होने को भी तैयार हंै। छात्र शाम तीन बजेे तक अपनी कक्षाएं करने के बाद अपनी मांगो को लेकर परिसर और डेलीगेसी में घूमकर समर्थन मांगते हैं। इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें नोटिस भेजकर धमकाने की कोशिश की है कि छात्र अपने पठन-पाठन में ध्यान दे अन्यथा उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी। जबकि प्रशासन की तरफ से एक भी व्यक्ति विभाग में इस बात का जायजा लेने कभी नहीं आया कि यहां पर कक्षाएं किस हालात में चलती हैं।
छात्रों के पठन-पाठन के लिए प्रशासन ने पिछले 20 सालो से कोई ध्यान नहीं दिया, वह आज किस आधार कहता है कि छात्र अपनी पढ़ाई में ध्यान दें। आज तक विभाग में लैब, लाइब्रेरी, की व्यवस्था करने पर चुप्पी साधे रहे प्रशासन को अचानक यह ख्याल कहां से आया। छात्रों द्वारा उठाये गये सवालों का प्रशासन कोई जवाब न देकर छात्रों को डरा-धमकाकर आंदोलन को तोड़ने की साजिश रच रहा है। छात्रों का कहना है कि पिछले दो महीने से हमारे यहां निरंतर कक्षाएं चलने के साथ ही साथ हम लोग अपना आंदोलन चला रहे हंै। छात्रों ने कहा है कि तीन बजे तक विश्वविद्यालय के किस विभाग में कक्षाएं चलती हैं, कुलानुशासक इसका जवाब दें। विश्वविद्यालय में हो रहे शिक्षा के निजीकरण और पत्रकारिता विभाग के समानान्तर खोले जा रहे सेल्फ फाइनेंस कोर्स के विरोध में छात्र एक माह से आंदोलनरत हैं। छात्रों द्वारा सूचना अधिकार के तहत मांगे जा रहे सवालोें से बेचैन प्रशासन ंछात्रों को डराने धमकाने पर उतर आया है।
छात्रों ने आंदोलन के 33वें दिन आज विभाग के सामने बने ‘‘खबरचौरा’’ में बैठकर विभिन्न क्रांतिकारी कविताओं का काव्य पाठ किया और उनसे प्रेरणा लेकर अपने आंदोलन को और भी मजबूती देने का संकल्प लिया। इस दौरान पाश, मुक्तिबोध, नागार्जुन, फैज, दुष्यंत कुमार आदि की कविताओं को पढ़ा गया। इस कार्यक्रम में आॅल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) और आॅल इंडिया डेमोके्रटिक स्टूडेंट एसोसिएशन (एआईडीएसओ) के लोगों ने भी कविताओं और क्रांतिकारी गीतों का पाठ किया।
‘‘सवाल पूछते रहो अभियान’’ के अंतर्गत विभाग के छात्र सौरभ कुमार ने आज पूछा है कि ‘विश्वविद्यालय में ऐसे कितने अध्यापक हैं जो विश्वविद्यालय के प्रशासनिक पदों पर भी आसीन हैं’ और विश्वविद्यालय के प्रशासनिक पदों पर आसीन ऐसे लोगो का ब्योरा मांगा है जिनके भाई-बहन, पत्नी एवं रिश्तेदार आदि भी अनुबंध के आधार पर विश्वविद्यालय में किन्हीं पदों पर कार्यरत हैं।

समस्त छात्र
पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग
इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद
9721446201,9889646767,9455474188

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