17 सित॰ 2009

विश्वविद्यालय प्रशासन की संवादहीनता शर्मनाक

-विश्वविद्यालय की चुप्पी पर पत्रकारिता छात्रों ने की प्रेसवार्ता

इलाहाबाद 15 सितम्बर 09. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के छात्रों का आंदोलन आज 13 वें दिन भी जारी रहा। शिक्षा के निजीकरण और पत्रकारित विभाग के समानान्तर कोर्स चलाये जाने के संबध में विश्वविद्यालय के मठाधीशों के द्वारा मीडिया जगत में फैलाये गये भ्रम को दूर करने के लिए आज छात्रों ने पत्रकारों को विशेष जानकारी देने के लिए प्रेस वार्ता की। पत्रकारों से बातचीत के दौरान विभाग के छात्रों ने बताया कि 13 दिन से लगातार चल रहे आंदोलन पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनकी मांगो का न तो कोई जवाब दिया और न ही उनके ज्ञापन पर कोई कार्यवायी की। इलाहाबाद जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में अकादमिक संवादहीनता की ऐसी स्थिति को छात्रों ने बेहद शर्मनाक कहा।
पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के शिक्षक सुनील उमराव ने कहा- विश्वविद्यालय प्रशासन एक रणनीति के तहत पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के छात्रों के सवालों से बचना चाह रहा है चूंकि यह कोर्स यूजीसी के मानदंडोे के अनुरूप नहीं है। उन्होंने बताया कि बीए इन मीडिया स्टडीज को स्ववित्तपोषित कोर्स सिर्फ एकेडमिक काउंसिल से पास है फिर भी इस कोर्स के प्रवेश के लिए फार्म बेचे जा रहें हैं। जबकि कोर्स अभी कार्यकारिणी परिषद से पास नहीं है। जबकि कार्यकारिणी परिषद से पास न होने के तर्क पर 25 साल पुराने पत्रकारिता एंव जनसंचार विभाग में विश्वविद्यालय प्रशासन ने 2005 से 2007 तक सत्र शून्य रखा। और यहां तक कि पत्रकारिता विभाग के खिलाफ भेदभाव किया गया और उसके विकास के लिए कोई उचित गा्रंट नहीं दी गयी। उन्होंने बताया कि यूजीसे के नियमों के तहत हर विभाग में एक प्रोफेसर, दो रीडर, चार प्रवक्ता होने चादिये लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन इन बातों को नजरंदाज करते हुए सेम वैसे ही कोर्स की निजी दुकाने खोलने के लिए आकुल है और उसके लिए करोड़ों रूपये लगाने के लिए तैयार है। पत्रकारिता विभाग के आंदोलन के बावजूद विश्वविद्यालय के चंद मठाधीशों के हित को देखते हुए कुलपति ने बीए इन मीडिया स्टडीज कोर्स के फार्म बेचने की अनुमति दे दी।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए छात्रों ने प्रोफेशनल स्टडीज के कोर्साें को डेलीगेसी भवन में चलाने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से डेलीगेसी भवन के हिसाब को सार्वजनिक करने के मांग की क्योंकि हर छात्र से डेलीगेसी के लिए फीस वसूली जाती है। इस दौरान छात्रों ने सेंटर फाॅर फोटो जनैलिज्म में ठेके पर नियुक्त किये गये अध्यापकोें की एकेडमिक योग्यता को भी सार्वजनिक करने की मांग की। छात्रों ने बताया कि बीए इन मीडिया स्टडीज की डिग्री यूजीसी के मानकों के अनुरूप नहीं है बावजूद विश्वविद्यालय के कुछ मठाधीश विश्वविद्याल की छवि तले प्रोफेशन डिग्री के नाम पर कर धन उगाही।

समस्त छात्र
पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग
इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद
9721446201 9889646767,9455474188

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