6 नव॰ 2009
पत्रकारिता जगत के पुरोधा प्रभाष जोशी के निधन पर श्रद्धांजलि
प्रभाष जोशी आम आदमी के लिए लड़ने वाले योद्धा थे: जियाउल हक
इलाहाबाद, 6 नवम्बर 2009! पत्रकारिता ज़गत के सशक्त हस्ताक्षर एवं जनसत्ता के संस्थापक संपादक प्रभाष जोशी नहीं रहे। देश के अंदर पत्रकारिता को जनसरोकारों से जोड़ने में उन्होंने प्रभावकारी भूमिका निभाई थी। वे आजीवन पत्रकारिता को आम जनजीवन की आवाज बनाने के लिए प्रतिबद्ध रहे। मीडिया जगत में सत्ता प्रतिष्ठानो और बाजार के दखल के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए वे अंतिम समय तक बेचैन रहे। आज वह हमारे बीच मौजूद नहीं हैं। देश के सामाजिक और लोकतांत्रिक आंदोलनों को उनकी कमी लम्बे समय तक खलेगी। उनके निधन पर पत्रकारिता विभाग की तरफ से आज एक शोक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि जाने-माने समाजसेवी और प्रभाष जोशी के पुराने साथी वरिष्ठ काॅमरेड जियाउल हक ने विभाग के सामने बने खबर चैरा प्रांगण में उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किये। इसी क्रम में विभाग के समस्त छात्र छात्राओं द्वारा भी उनकी तस्वीर पर पुष्पार्पण किया गया।
प्रभाष जी को श्रद्धांजलि देते हुए काॅमरेड जियाउल हक ने कहा कि जोशी जी का जाना पूरे हिन्दुस्तान के जनवादी प्रगतिशील सोच रखने वाले लोगों के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने कहा कि प्रभाष जी की अचानक हुई मृत्यु से उन्हे इतना सदमा पहुंचा है जिसे वे शब्दों में बयां नहीं कर सकते। उनका कहना था कि प्रभाष जी सिर्फ एक पत्रकार ही नहीं थे बल्कि आम जनता से जुड़े मुद्दों पर अपनी मुखर आवाज और धारदार कलम के बूते संघर्ष करने वाले एक योद्धा थे। वे आम आदमी के मुद्दों पर उनकी आवाज बनकर जनप्रतिनिधियोें और संसद तक को कटघरे में खड़ा करने वाले एक सशक्त आधार स्तम्भ थे। इस स्तम्भ का न रहना आमजन के लिए एक ऐसी क्षति है जिसकी भरपाई होना आने वाले समय में मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।
इस दौरान छात्रों का कहना था कि पिछले 30 सितम्बर को विभाग द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन के समर्थन में आये प्रभाष जोशी ने छात्रों से ये वादा लिया था कि वे किसी भी कीमत पर अपने कदम पीछे नहीं हटायेंगे। छात्रों ने अपने आन्दोलन के 65वें दिन आज एक बार फिर उनकी उस बात को याद करते हुए संकल्प लिया कि वे अपने आंदोलन को जारी रखेंगे। छात्रों ने कहा कि प्रभाष जी, पत्रकारिता के जिस जनपक्षधर स्वरुप और लोकतंात्रिक मूल्यों को बचाने लिए आजीवन संघर्षरत रहे, हम पत्रकारिता के छात्र उनके इन आदर्शों को आत्मसात करते हुए पत्रकारिता के इन सरोकारों को बचाने के लिए दृढ़संकल्पित हैं।
इस क्रम में प्रभाष जोशी द्वारा आंदोलन के समर्थन में विभाग में दिये गये भाषण की डाक्यूमेंट्रªªी फिल्म भी दिखाई गयी। इस दौरान पूर्व आइएएस श्री राम वर्मा, वरिष्ठ गांधीवादी श्री बल्लभ, पुनीत मालवीय,जनसत्ता के पत्रकार राघवेंद्र, आदि लोग उपस्थित रहे।
समस्त छात्र
पत्रकारिता विभाग
इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद
9721446201,9793867715,9307761822
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दुखद. मेरी विनम्र श्रद्धांजलि.
जवाब देंहटाएंप्रभाष जी कहीं नहीं गए हैं
जवाब देंहटाएंमौजूद हैं यहीं
विचारों में है उनकी बही।
विनम्र श्रद्धांजलि।